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Ae Mere Vatan | Desh bhakti Poem

  ऐ वतन मेरे वतन...मेरे वतन .. है मुझे भारत माँ की कसम, पीछे न कभी हटायेंगे कदम, ऐ वतन मेरे वतन न जान की फिकर,न मौत का भय है, हारेंगे न हम कभी,जीत हमारी तय है, ऐ वतन..मेरे वतन दुश्मनों की छाती को छली हम कर जायेंगे, हँसते-हँसते माँ की गोद में सो जायेंगे, इंकलाब जिंदाबाद जिंदाबाद भारत माता की जय..जय हो.जय हो वन्दे मातरम्मा तरम्..मातरम्.. देश हमारा अमर रहे..अमर रहे अमर रहे.. हर बार ये कहते जायेंगे, ऐ वतन..मेरे वतन हार कभी न मानी है, जीत के दिखायेंगे, हममे है हिम्मत कितनी, दुनिया को बतायेंगे, ऐ वतन..मेरे वतन न सोचा हमने काभी, अपनी उस प्यारी माँ को, गोद में जिसके महफूज हम रहते थे, न सोचा हमने कभी, उस परायी लड़की को, मांग में भरके जिसके सिंदूर, हम अपना बना के लाये थे, न सोचा हमने कभी, अपने प्यारे बाबा को, जिनके हाथो ने हमे, मुश्किलो से लड़ना सीखाया, न सोचा हमने कभी, उस मासूम गुड्डे-गुड़ियाँ को, पूरी दुनिया को जिसने पापा कहके मुझे दिखाया, सोचा है हमने सिर्फ, अपने प्यारे तिरंगे को, लहरे इसकी हम कभी, कम न होने देंगे, अपनी भारत माँ की आँखे, नाम कभी न होने देंग

Best Love Poetry 2021। Pyar ho jaye

 ना करना मुझ पर ऐतबार इतना.... कि तुझसे मेरी बातें हर बार हो जाए ।।    रखना खुद को संभाल कर ऐसे.....  कि दिल तेरा मिलने को न बेकरार हो जाए।।  ख्वाबों में ना लाना इतना मुझे.....  कि तेरी आंखों को मेरा ही इंतजार हो जाए।।  यादों में ना लाना अपनी इस कदर....  कि तेरे लबों को मुझसे इजहार हो जाए।।    चाहत ना बढ़ाना कभी मेरे लिए इतनी......  कि ना चाहते हुए भी मुझे तुझसे प्यार हो जाए ।। ******

Motivational Story । Ek nayi soch

ट्रेन जैसे ही रुकी उसकी नींद खुल गयी।यो घबरातें हुए खिड़की से बाहर देखा और शांत हो गया।अभी उसका स्टेशन नही आया था। साहिल जो अपने गाँव से graduationकरने के लिए शहर को जा रहा है।साहिल पढ़ाई में और हर काम में तेज था एक बड़े कॉलेज में उसका एडमिसन होता है।वो काफी खुश था। उसकी सारे लड़को से अच्छी जमती थी और उसके नम्बर भी अच्छे आते थे एक दिन उसे अचानक से पता चला की उसके कालेज का एक लड़का फेल होने की वजह से आत्महत्या कर लिया।वो काफी उदास सा था। दरसल वो लड़का साहिल के अच्छे दोस्तों में से एक था और उसे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नही था की वो ऐसा भी कर सकता है।और उसने कभी साहिल को कुछ बताया भी नही ।और साहिल ने गौर किया की कुछ दिनों में काफी लड़को ने फेल होने की वजह से आत्महत्या कर ली अक्सर वो न्यूज़पेपरों में पढ़ता कभी इस शहर तो कभी उस शहर में कोई न कोई ऐसी खबर मिल ही जाती।और इस बात से वो काफी परेशां सा हो गया था।वो अपने पढाई में भी ध्यान ही नही दे पा रहा था।बस अब खोया खोया रहने लगा।कुछ दिनों बाद साहिल के पापा उससे मिलने आएं और उन्हें ये समझते देर न लगा कि साहिल कुछ उदास और परेशां सा है।उन्होंने उसस

Inspiration Story । Aaena story

                                   वो हर वक्त आईने को निहारती रहती थी।न जाने वो क्या सोचती रहती थी। बड़ी मासूमियत से वो अपने को आईने में देखती और कुछ देर बाद बड़ी प्यारी सी मुस्कराहट बिखेर देती थी।ऐसा लगता की उसके मासूम चेहरे में कोई राज छिपा है और वो राज उसके आलावा कोई नही जनता।वो जब सोने भी जाती तो आईने को लेकर । वो ऐसा क्यों करती थी ये किसी को भी नही पता था।न जाने उस आईने में ऐसा क्या थ जो सिर्फ सान्या को ही दीखता था और किसी को नहीं।सान्या की सबसे अच्छी दोस्त मिनाक्षी जो हमेशा उससे पूछती थी की तुझे इस आईने में क्या दिखाई देता है मुझे भी तो बता बहुत ज़िद करने के बाद सान्या बस इतना ही कही;- "आईने में मुझे एक तस्वीर दिखी : सब कुछ था धुंधला बस माथे पे एक लकीर दिखी। समझ नही पा  रही थी मैं उस तस्वीर को में जब गौर से देखी तो उस लकीर के नीचे दो आँखे दिखी ...... फिर लगा आईने पे धूल जमी है।जब धूल हटाई तो आईने में मेरी ही खूबसूरत तस्वीर नजर आई। इतना कहकर सान्या चुप हो गयी।मिनाक्षि फिर उससे पूछी मतलब फिर आगे क्या हुआ।वो फिर खामोश हो गयी और मुस्कुराने लगी।उसे हसते हुए देख मिनाक्षी भी हँ

Love tanhai poetry।Tanha ho gye

Dard hindi Poetry। Dard-e-mohabbat

रात होती थी गहरी बहुत! फिर भी रातों को सोया न गया!! जिंदगी में दर्द मिलें थे बहुत! पर आँखों को ज्यादा रोया न गया!! लोगों ने ख्वाब दिखाये बहुत! पर उन ख्वाबों में खोया न गया!! तकलीफ दिल को हुई थी बहुत! काँटे राहों में किसी के बोया न गया!! दर्द की थी गहराई भी बहुत! लेकिन जीवन कभी ढ़ोया न गया!! दिल सबके प्यार से जीते बहुत! झूठें धागो से रिश्तें पिरोया न गया!! इल्म है मोहब्बत दर्द देती है बहुत! पर उसकी निशानी कभी धोया न गया!! *****

Who is Tanveeii। परिचय राजकुमारी का

राजकुमारी की कलम से... ब्‍लॉग की दुनिया में कदम रखते हुए पहली जद्दोजहद थी इसका नाम रखने की। कई नाम बने-बिगड़े मन में और फिर तय किया ये नाम। ये नाम यूं तो आत्‍ममुग्‍ध होने का संकेत भी देता है। लगता है कि खुद को ही क्‍यों राजकुमारी कह रही हूं... लेकिन ये आत्‍ममुग्‍धता नहीं, मेरा आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मसम्‍मान है। मैं हूं अपने खयालाें की राजकुमारी, अपने शब्‍दों की शहजादी और अपने भावों की मल्लिका... मुझे ये कहना अच्‍छा लगता है कि मैं हूं अपनी ही स्‍वप्‍नपरी... मेरे अंदर बसी इसी राजकुमारी की कलम से निकले शब्‍द यहां मिलेंगे... और ये कलम बनेगी हर उस लड़की की आवाज, जो अपने सपनों की शहजादी है... ये कलम बनेगी हर उस शख्‍स की आवाज, जो खुद अपना शहंशाह है... ये कलम बनेगी आवाज, हर किसी की... - तन्‍वी