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Hearttouching poetry। Meri Mohabbat

मिला था वो मुझे वर्षों इस कदर।  जैसे मिली थी मेरी मोहब्बत से नजर।। आंखों ही आंखों में उसने दिल चुरा लिया। कुछ वक्त में ही मेरी नींद उड़ा लिया।।  पलट कर एक दूसरे को देखते हर मोड़ पर। फिर हट जाती नजर सड़कों के शोर पर।। इश्क की राहों में कदम हम बढ़ा रहे थे।  दिल को मोहब्बत की किताब पढ़ा रहे थे।। हर दिन यूं ही हमारी मुलाकात होती।  आंखों की आंखों से ही बस बात होती।। वक्त की करवट से हो गए हम दूर। कहां ढूंढे उसे इतने थे हम मजबूर।। फिर भी आंखें उसका इंतजार करती रही। यादों से ही उसके बस प्यार करती रही।।  वर्षों बाद आया जब वह सामने। दिल को लगी मैं जोरो से थामने ।। वह मुस्कुरा कर मेरा हाल पूछ बैठे। हो गए कितने वह साल पूछ बैठे ।। हमने पूछा जब उनसे ख्याल मोहब्बत का। उसने जिक्र किया किसी और की कुर्बत का।। दुआओं के साथ मोहब्बत से उसे आजाद कर दिया। और हाथों ने थाम कर कलम मुझे आबाद कर दिया।। कुर्बत - नजदीकी  *******

Intezar poem । Mera Intejar

  कभी जो गुजरोगे मेरी गली से तुम...... पलके उठा मेरे आशियाने का दीदार कर लेना।। जो ना दिखूं मैं तुझे थोड़ी देर वहां........ कुछ देर होकर खड़े मेरा इंतजार कर लेना।। आ जाऊं जो अपने बरामदे में मैं...... नजरें उठाकर मुझसे आंखे दो-चार कर लेना।। जो पड़े तुझ पर नजर किसी की......  बहाने उससे तुम अपने हजार कर लेना।। तेरी एक झलक से सुकून मिलता है...... हर दिन तू मेरी गली यू ही पार कर लेना।। आऊंगी जरूर तेरी आंखों में मोहब्बत देखने.... इतना तो यकीन मुझ पर मेरे यार कर लेना।। *****

Ehsas love poetry । Ek waqt wo bhi tha

एक वक्त वो भी था ..... जब एहसास मोहब्बत का. .. हमें भी हुआ था, किसी की धड़कनों ने..  मेरी धड़कनों को छुआ था, एक वक्त वो भी था.... जब एहसास मोहब्बत का... हमें भी हुआ था।। मेरी आंखें उसकी आंखों में ही डूबी थी.. ना जाने उसमें क्या ऐसी खूबी थी, उसके लबों की खामोशी... इस कदर सता रही थी... जैसे उसके दिल का पता.. मुझे बता रही थी, मेरी जिंदगी में जलता... मोहब्बत का वो धुआं था, एक वक्त वो भी था.... जब एहसास मोहब्बत का.... हमें भी हुआ था।। वो गया था... दो राहों के बीच मुझे छोड़ कर, रूह का रिश्ता पल भर में तोड़ कर, सात फेरों के बंधन में जब वह बंधा था... मैं खड़ी थी तन्हा इश्क के मोड़ पर, ना जाने प्यार का ये कैसा जुआ था.. एक वक्त वो भी था.... जब एहसास मोहब्बत का... हमें भी हुआ था।। मोहब्बत का यह कैसा दस्तूर है... जिसे चाहा शिद्दत से... दिल आज उसे भूलाने पर मजबूर है, जो रहते थे कभी हमेशा दिल के करीब... आज लगता आसमां से भी वो दूर है, मेरी चाहत का गहरा हो कुआं था.... एक वक्त वो भी था.... जब एहसास मोहब्बत का.....