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Love Doorie Shayari। door hote gye

तुझे भुलाने की जिद में खुद से दूर होते गए । ना चाहते हुए भी आंसू पीने पर मजबूर होते गए।। तन्हा थे बहुत हम क्योंकि कोई साथ ना था।। तेरे जाने के बाद हाथों में किसी का हाथ ना था।। देख तेरी तस्वीर दिल मेरा जोरों से धड़कता था। कैसे बताऊं याद में तेरी कितना वो तड़पता था।। जानती हूं तूम लौटकर अब कभी आओगे नहीं।  मेरी मोहब्बत भी कभी अब लौटाओगे नहीं ।। हो गए हो तुम किसी और के ये तो बताओगे नहीं। फिर भी यकी है मेरी चाहत कभी तुम भूलाओगे नहीं।। *****

Dard shayari । Wo dard ki ghadi thi

जाने वो कैसी दर्द की घड़ी थी ! जब मै तुमसे मिल के बिछड़ी थी!!  हर दिन वक्त गुजारती हूँ वहाँ!  जिन राहों पे तेरे साथ खड़ी थी!!  मिल रही थी जब आँखे हमारी!  कुछ वक्त के लिए तो मैं डरी थी!!  तेरी यादें मुझे तड़पाती हैं आज भी!  तेरी मुहब्बत दिल मे जो पड़ी थी!!  तेरी बातें ही मुझे देती है तसल्ली ! क्योंकि तेरी बातों पे ही मैं मरी थी!! भीगी भी थी हम दोनों की पलकें!  जब-जब मै तुम्हारे साथ लड़ी थी!!  न देख पायी तुझे जाते हुए हमदम!  ये आँखें आँसुओं से जो भरी थी!!  जब छोड़ दिया मैंने  साथ तुम्हारा!  कैसे बताऊं वो चोट कितनी हरी थी!!  हमने तोड़ दिया दिल तुम्हारा क्योंकि!  खून के रिश्तों को मुझसे उम्मीदें बड़ी थी!! ******

Alone Shayari।Tanhai shayri

क्या करूं मैं उम्मीद उस शख्स से .... जिसे खबर ही नहीं कि....  हम तन्हा कितने हैं। ।

Love tanhai poetry।Tanha ho gye

Love lonely poetry। Mohabbat hai akelepan se

मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से , जहां खुद से खुद की मेरी बात होती है अपने आप से जहां मेरी मुलाकात हाेती है मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से जहां आसमां, पहाड़, पौधे मेरे साथ होते हैं मुझे थामने को जहां तन्हाई के हाथ होते हैं मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से जहां अपने दिल की आवाज खुद सुनती हूं अच्छे और बुरे विचारों को मैं चुनती हूं मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से जहां चिड़िया अपने साज गुनगुनाती है जहां पत्तियां अपनी आवाज सुनाती हैं मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से जहां, पवन मुझे बाहों में भर झूला झुलाती है जहां चांदनी खुद गाकर मुझे लोरी सुनाती है मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से जहां चांद, सितारों के बीच अकेला होता है शांति होती है वहां, ना कोई मेला होता है मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से जहां कुछ बीते पलों की याद सताती है तो मेरी सोच मंजिल का रास्ता बताती है मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से जहां हाेंठ मेरे बिन कहे भी गुनगुनाते हैं जहां नयन मेरे बेवजह भी बरस जाते हैं मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से जहां मेरी कलम सिर्फ मेरा एहसास समझती है और अल्फाज बनाकर उसे शायरी में कहती है मोहब्बत है मुझे उस अ