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Ajnabi Se Jaan Hokar...Phir Ajnabi Ho Jana | Breakup Love Poetry

  आसान है क्या  किसी को छोड़.... किसी और को दिल में सजाना ।। किसी को अपनी सोच से मिटा कर... किसी और को बसाना।। आसान है क्या  किसी का दिल तोड़ कर...   अपनों के लिए किसी  और के साथ जुड़ जाना।।  किसी और की सांसो से निकलकर... किसी और की सांसो में मिल जाना ।। आसान है क्या  किसी और के सपने देख...  हकीकत में किसी और का हो जाना।। किसी और का हाथ छोड़ ..... मंडप में किसी और का  हाथ थाम कर बैठ जाना ।। आसान है क्या  मोहब्बत का धागा उतार कर... किसी और की मोतियों के धागों में बंध जाना।। माथे से किसी के चुंबन को हटाकर...  किसी और के रंग में रंग जाना।। आसान है क्या  आंखों के सामने अपनी चाहत को ना देख...  अपनी शराफत को देखना।। अपनी महबूबा के शादी के दिन..  अकेले दर्द में बैठकर आंसू बहाना।। आसान है क्या  ना चाहते हुए भी उसे....  किसी और के साथ जाते देखना।। हर दिन ये ख्याल आना....  मुझे छोड़‌ वो किसी और की बाहों में होगी  हर दिन किसी और की पनाहों में होगी।। आसान है क्या  बरसों की यादों को... एक पल में मिटा देना।। मिले जब कभी वो सामने... तो आंसुओं को रोक मुस्कुरा देना।। आसान है क्या  अजनबी से  जान

Sad Love Poetry | Teri Yaad Me

  रात गुजरती रही तकिए पर रोते हुए.....। सुबह लगा एक अरसा हो गया ना सोते हुए। ।  तुम्हें क्या पता मोहब्बत छुपाना कैसा होता है।  कुछ ना कह पाए हम तेरे सामने होते हैं ...।।  अपने अश्कों को मुस्कान बनाकर बिखेरते रहे..।  दिल में ना जाने कब से दर्द का बोझ ढोते हुए।।  तुम तो बीते वक्त का एहसास सुनाते रहे ....।  और उन्हें सुनते रहे हम तेरी याद में खोते हुए।।  आज तुम किसी और के अमानत बन गये....।  और रह गए हम तन्हाई की फसल बोते हुए।। *******