सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अगस्त, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Morning poem। Meri chaye

मेरी चाय की चुस्की में वो गर्माहट है....। जैसे मेरे लबों की तेरे लबों पर आहट है।। हर घूंट में बस तेरा नाम लिए जा रहे हैं.......। हो जाए ना खत्म इसलिए धीरे-धीरे पिए जा रहे हैं।। उस चाय में तेरी मोहब्बत साथ होती है......। इसलिए तो सुबह की चाय मेरे लिए खास होती है।। हर दिन आंख खुलते हैं उस चाय का इंतजार होता है.....। क्या बताऊं उसे पास देखने को दिल कितना बेकरार होता है।। जैसे ही हो जाती है मेरी चाय वो खत्म.........। दिल होता खुश अगली सुबह फिर तेरे पास होंगे हम।। *****