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Ajnabi Se Jaan Hokar...Phir Ajnabi Ho Jana | Breakup Love Poetry

  आसान है क्या  किसी को छोड़.... किसी और को दिल में सजाना ।। किसी को अपनी सोच से मिटा कर... किसी और को बसाना।। आसान है क्या  किसी का दिल तोड़ कर...   अपनों के लिए किसी  और के साथ जुड़ जाना।।  किसी और की सांसो से निकलकर... किसी और की सांसो में मिल जाना ।। आसान है क्या  किसी और के सपने देख...  हकीकत में किसी और का हो जाना।। किसी और का हाथ छोड़ ..... मंडप में किसी और का  हाथ थाम कर बैठ जाना ।। आसान है क्या  मोहब्बत का धागा उतार कर... किसी और की मोतियों के धागों में बंध जाना।। माथे से किसी के चुंबन को हटाकर...  किसी और के रंग में रंग जाना।। आसान है क्या  आंखों के सामने अपनी चाहत को ना देख...  अपनी शराफत को देखना।। अपनी महबूबा के शादी के दिन..  अकेले दर्द में बैठकर आंसू बहाना।। आसान है क्या  ना चाहते हुए भी उसे....  किसी और के साथ जाते देखना।। हर दिन ये ख्याल आना....  मुझे छोड़‌ वो किसी और की बाहों में होगी  हर दिन किसी और की पनाहों में होगी।। आसान है क्या  बरसों की यादों को... एक पल में मिटा देना।। मिले जब कभी वो सामने... तो आंसुओं को रोक मुस्कुरा देना।। आसान है क्या  अजनबी से  जान

Tere Aane Se | Love Hindi Ghazal

                  ये खालीपन जो तेरे आने से भर जाता है! दिल इतनी मोहब्बत तुझसे कर जाता है!! तेरी नजरें मुझे प्यार से जब देखती है! मेरा चेहरा तो और भी सँवर जाता है!! यूँ तो ये वक्त चलता है हर घड़ी हमदम! पर देख तुझे ये वक्त भी ठहर जाता है!! तेरी एक झलक पाने को तरसती हू यू! कि इंतजार में तेरे हर एक पहर जाता है!! तेरा हाथ थामे बीतते है जब दिन रात! इश्क़ चाहत में तेरी हद से गुजर जाता है!! *****

Judaai Poem|| Wo Meri Na Ho Saki

उसे पाने की चाहत पूरी न हो सकी , हो गयी वो किसी और की मेरी ना हो सकी , ना मै बेवफा था ,ना वो बेवफा थी , जानें क्यों जिंदगी हमसे खफा थी , रह गयी कमी शायद मेरे प्यार में, ना थी कोई कमी मेरे यार में , उसकी आँखों से भी आँसू छलक रहे थे, मोहब्बत भी साफ झलक रहे थे, आँसुओं के उसके रोक न सका, दूर उसके गम को कर ना सका, उठ रही थी डोली,बज रही थी शहनाई, अपने गम को वो जुबां पे ना लाई, हो गयी फिर हम दोनों की जुदाई, जुदा हो गई वो मेरी नजर से, ना हो पाई जुदा मेरे जिगर से, फिर भी खुदा से ये इबादत करता हु, आबाद रखना उसे जिससे इतनी मोहब्बत करता हु। *****

Yaad Me Teri Ghazal Likh Rahi Hu || Best Love Hindi Poetry

बीते हुए कुछ मैं कल लिख रही हूँ! याद में तेरी एक ग़ज़ल लिख रही हूँ!! मिलाया था अपनी आँखों को , मैने तेरी ही आँखों से... हुई थी शुरूआत मोहब्बत की , दिल में फूटते पटाखों से... प्यार के कुछ मैं पजल लिख रही हूँ , याद में तेरी एक ग़ज़ल लिख रही हूँ!! वो तेरे होंठों की मुस्कुराहट ने , मेरी धड़कन बढ़ायी थी... तेरी हाथों की छुअन से , मैं थोड़ी घबराई थी... बेताब थी तेरे लबों से जो , प्यार के शब्द सुनने को... वही मैंं सुनहरे पल लिख रही हूँ , याद में तेरी एक ग़ज़ल लिख रही हूँ!! तेरे न मिलने की रब से , मुझे कोई शिकायत नही... ये न समझना अब... मुझे , तुझसे मोहब्बत नही... निकले थे तेरी जुदाई में जो आँसू , आज भी मैं वो जल लिख रही हूँ , याद में तेरी एक ग़ज़ल लिख रही हूँ!!  -  तन्वी सिंह