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Inspiration Story । Aaena story


                                 
 वो हर वक्त आईने को निहारती रहती थी।न जाने वो क्या सोचती रहती थी। बड़ी मासूमियत से वो अपने को आईने में देखती और कुछ देर बाद बड़ी प्यारी सी मुस्कराहट बिखेर देती थी।ऐसा लगता की उसके मासूम चेहरे में कोई राज छिपा है और वो राज उसके आलावा कोई नही जनता।वो जब सोने भी जाती तो आईने को लेकर । वो ऐसा क्यों करती थी ये किसी को भी नही पता था।न जाने उस आईने में ऐसा क्या थ जो सिर्फ सान्या को ही दीखता था और किसी को नहीं।सान्या की सबसे अच्छी दोस्त मिनाक्षी जो हमेशा उससे पूछती थी की तुझे इस आईने में क्या दिखाई देता है मुझे भी तो बता बहुत ज़िद करने के बाद सान्या बस इतना ही कही;- "आईने में मुझे एक तस्वीर दिखी : सब कुछ था धुंधला बस माथे पे एक लकीर दिखी। समझ नही पा  रही थी मैं उस तस्वीर को में जब गौर से देखी तो उस लकीर के नीचे दो आँखे दिखी ...... फिर लगा आईने पे धूल जमी है।जब धूल हटाई तो आईने में मेरी ही खूबसूरत तस्वीर नजर आई।
इतना कहकर सान्या चुप हो गयी।मिनाक्षि फिर उससे पूछी मतलब फिर आगे क्या हुआ।वो फिर खामोश हो गयी और मुस्कुराने लगी।उसे हसते हुए देख मिनाक्षी भी हँसने लगी उसे कुछ समझ ही नही आ रहा था। की सान्या को हुआ क्या है और उस आईने का राज क्या है वो हर वक़्त आईने को अपने सीने से लगाये रहती थी। एक दिन अचानक वो आईना टूट कर चकना चूर हो गया।आईने के टूटने पे सान्या बेहद उदास हो गयी थी हर वक़्त उस आईने के लिए रोती  रहती! वो पूरी तरह से टूट चुकी थी न कुछ खाती न किसी से बात करती थी बस खामोश बैठी रहती रहती थी फिर एक रात उसके सपने में एक साधू आये और सान्या से बोले बेटी जो आईना तुम बाहर ढूंढ रही हो वो तुम्हारे अंदर मौजूद है तुम अपने अंदर देखो तुम्हे वो ही तस्वीर वहाँ भी नज़र आएगी जो तुम्हे उस आईने में नज़र आती थी। सान्या अचानक नींद से जागी और इधर उधर देखने लगी।ऐसा लगा जैसे सपना नही हक़ीक़त था।उसे अब भी कुछ समझ नही अ रहा था।।।।
वो आईने के टूटने से बेचैन सी हो गयी थी।उसे समझ नही आ रहा था वो आईने के बिना कैसे रह पायेगी और उसपे वो सपना क्या था। ये सब सोचकर परेशां सी हो गयी थी न किसी से बात न होठों पे मुस्कान उसका खिला चेहरा न जाने कहाँ खो गया था।मिनाक्षी से उसकी हालत देखी  नही जा रही थी तो मिनाक्षी एक फ़कीर को लेके सान्या के घर आई जब सान्या  फ़कीर को देखी  तो दंग रह गयी। उसे लगा की ये क्या हो रहा है उसके साथ ये तो वोही फ़कीर है जो उसके सपने में आया था।फ़कीर ने उससे पूछा की बेटी क्या हुआ तो सान्या ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और फ़कीर को सारी  बात बता दी। फिर फ़कीर ने सान्या के सामने एक आईना रखा और कहा बेटी इसमे तुम ध्यान से देखो इसमें भी तुमको वोही नज़र आएगा सान्या को फिर वो सपने वाली बात याद आ गयी। जब सान्या आईने को गौर से देख रही थी तो उसे ये एह्सास हुआ क़ि ये तो बिलकुल वैसा ही आईना है। तब उसे लगा की दुनिया के सारे आईने एक ही जैसे होतें हैं देखते देखते उसे ज़िन्दगी की एक सच्चाई पता चली जिसने उसकी ज़िन्दगी बदल दी।
उसे ये एह्सास  हो गया की।

"खूबसूरती वो नही जो आईने में दिखायी देती है,
खूबसूरती वो है जो आईने में दिखाई नही देती है।"


उस दिन से वो एक आज़ाद पंक्षी की तरह अपनी ज़िन्दगी जीने लगी और फिर उसे कभी उसे आईने की याद तक नही आई।।।।।
                                *****
           


टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही अच्छा लिखा है आपने बहुत अच्छे लेखक हो आप बहुत-बहुत धन्यवाद आपका

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