हकीकत भी तुम हो ख्वाब भी तुम हो,
मेरे हर सवाल के जवाब भी तुम हो।।
लिखती हैं कलम मेरे जो भी अल्फाज,
उन अल्फाजों से बनी मेरी किताब भी तुम हो।।
तेरे एहसास इस कदर समा गए मुझमें,
लगता है मेरे दिल के नवाब भी तुम हो।।
धड़कते हो मेरे सीने में तुम इस कदर,
जैसे मेरे मोहब्बत के रूबाब भी तुम हो।।
देखते ही तुझे नशे में हो जाते हम ऐसे,
यूं लगता मेरी जिंदगी का शबाब भी तुम हो।।
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वाह वाह बहुत ही सुंदर👏👏👏
जवाब देंहटाएंBahut khub
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