सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

Alone Shayari।Tanhai shayri

क्या करूं मैं उम्मीद उस शख्स से .... जिसे खबर ही नहीं कि....  हम तन्हा कितने हैं। ।

Latest Love poem। Pyar kiya hai

बरसों बाद मुझसे उसने इकरार किया था...। गुजरे वक्त में उसने भी मुझसे प्यार किया था।। दिल खुश होने लगा था उसकी यह बातें सुनकर। कि हर दिन उसने भी मेरा इंतजार किया था।। उसके अल्फाज मेरे दिल को छूने लगे थे....। कहा जब तेरी मोहब्बत पर ऐतबार किया था।। उसके एहसासों को हम समझ नहीं पा रहे थे। उसने मेरी मोहब्बत से जब इनकार किया था।। कुछ पल के लिए धड़कन जैसे रुक सी गई,जब। कहा सालों पहले किसी और से इजहार किया था।। कर तो दिया हमेशा के लिए खुद से अलविदा उसे। पर जाने क्यों दिल ने याद उसे हर बार किया था।। *****

Love poem। Intajar hota hai

उनके आने का इंतजार हर बार होता है। वो वक्त पर आते नहीं ये बार-बार होता है।। उनसे इजहार का ख्याल हर बार होता है। उन्हें देख जुबा कुछ कहती नहीं ये बार-बार होता है।। मेरी आंखों से इशारा हर बार होता है। वो इशारा समझते नहीं ये बार-बार होता है।। हाथ थाम बैठती हूं उनका ये हर बार होता है। फिर भी वह नहीं समझते ये बार-बार होता है।। उन्हें बाहों में भरने का आगाज हर बार होता है। दोस्त कहकर वो भी लगाते गले ये बार-बार होता है।। *****

Morning poem। Meri chaye

मेरी चाय की चुस्की में वो गर्माहट है....। जैसे मेरे लबों की तेरे लबों पर आहट है।। हर घूंट में बस तेरा नाम लिए जा रहे हैं.......। हो जाए ना खत्म इसलिए धीरे-धीरे पिए जा रहे हैं।। उस चाय में तेरी मोहब्बत साथ होती है......। इसलिए तो सुबह की चाय मेरे लिए खास होती है।। हर दिन आंख खुलते हैं उस चाय का इंतजार होता है.....। क्या बताऊं उसे पास देखने को दिल कितना बेकरार होता है।। जैसे ही हो जाती है मेरी चाय वो खत्म.........। दिल होता खुश अगली सुबह फिर तेरे पास होंगे हम।। *****

Sad Hindi poetry । Adhura khwab

फिर एक ख्वाब अधूरा रह गया... मोहब्बत के आशियाने में।। फिर आज कोई टूट गया.... खुशियों का घर बनाने में।। उसने वक्त भी बीताया... तो मुझे आजमाने में।। हम समझते रहे वो रुठे है हमसे हमने खुद को लुटाया उन्हें मनाने में।। हम नादान थे जो समझ ना पाए... वह खुश है हमसे दूर जाने में।। करते रहे फिर भी हम इंतजार उनका... वक्त भी लगता है खुद को समझाने में।। फिर धड़कन जैसे रुक सी गई यह जानकर..की.... लगे है वो अपनी जिंदगी किसी और के साथ सजाने में।।  *****

Love ghazal। Itni mohabbat hai

 यह खालीपन जो तेरे आने से भर जाता है। दिल इतनी मोहब्बत तुझसे कर जाता है।। तेरी नजरें मुझे प्यार से जब देखती हैं। मेरा चेहरा तो और भी संवर जाता है।।

Lonely poem। Raat tanhai ki

जिंदगी की भीड़ में जाने क्यों तन्हाई सी छाई थी। लगता था दिल को किसी की याद बहुत आई थी।। यूं लगा जैसे कोई छू के गुजरा मुझे...। देखी पलट के तो पीछे मेरी ही परछाई थी।। बैठे-बैठे देखती रही मै आसमां को रात भर। कितनी खूबसूरत तारों की चमक वहां छाई थी।। चांद छुपा था बादल में फिर भी......। जाने क्यों वह रात आंखों को बहुत भाई थी।। हल्के हल्के हवा के झोंके जब भी चलते। ऐसा लगा मुझे देख पतिया भी गुनगुनाई थी।। वो अंधेरी रात जाने क्यों ऐसी थी यारों। जो दिल में मेरे मोहब्बत फिर जगाई थी।। सन्नाटा था चारों तरफ रास्ते भी थी सूने पड़े..। फिर भी लगा दरवाजे पर दर्द की बारात आई थी।। यह तो होना ही था एक दिन अपनी जिंदगी में। दिल के आशियाने को मोहब्बत से जो सजाई थी।। आंखें तो भर चुकी थी अश्कों की बूंदों से। फिर भी जाने क्यों उस रात में मुस्कुराई थी। । उसकी चाहतो से तो आज भी भरा है दिल मेरा। इसलिए उस रात भी मैं उसे भूल नहीं पाई थी।। पाना चाहते थे दोनों साथ अपने इश्क की मंजिल। लेकिन किस्मत ने ही लिखी अपनी जुदाई थी।। *****