सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Lonely poem। Raat tanhai ki

#mohabbattujhealvida #mohabbatein tanhai shayari rekhta tanhai shayari image tanhai shayari status tanhai akelapan shayari tanhai aur shayari alone tanhai shayari tanhai bhari shayari tanhai bewafa shayari tanhai sad shayari barish tanhai shayari www.tanhai shayari.com tanhai dard shayari dard e tanhai shayari gham e tanhai shayari tanhai famous shayari,tanhai ki raat,tanha,tanhayee,tanhai shayri,tanhai poetry,

जिंदगी की भीड़ में जाने क्यों तन्हाई सी छाई थी।
लगता था दिल को किसी की याद बहुत आई थी।।

यूं लगा जैसे कोई छू के गुजरा मुझे...।
देखी पलट के तो पीछे मेरी ही परछाई थी।।

बैठे-बैठे देखती रही मै आसमां को रात भर।
कितनी खूबसूरत तारों की चमक वहां छाई थी।।

चांद छुपा था बादल में फिर भी......।
जाने क्यों वह रात आंखों को बहुत भाई थी।।

हल्के हल्के हवा के झोंके जब भी चलते।
ऐसा लगा मुझे देख पतिया भी गुनगुनाई थी।।

वो अंधेरी रात जाने क्यों ऐसी थी यारों।
जो दिल में मेरे मोहब्बत फिर जगाई थी।।

सन्नाटा था चारों तरफ रास्ते भी थी सूने पड़े..।
फिर भी लगा दरवाजे पर दर्द की बारात आई थी।।

यह तो होना ही था एक दिन अपनी जिंदगी में।
दिल के आशियाने को मोहब्बत से जो सजाई थी।।

आंखें तो भर चुकी थी अश्कों की बूंदों से।
फिर भी जाने क्यों उस रात में मुस्कुराई थी। ।

उसकी चाहतो से तो आज भी भरा है दिल मेरा।
इसलिए उस रात भी मैं उसे भूल नहीं पाई थी।।

पाना चाहते थे दोनों साथ अपने इश्क की मंजिल।
लेकिन किस्मत ने ही लिखी अपनी जुदाई थी।।

*****

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Ajnabi Se Jaan Hokar...Phir Ajnabi Ho Jana | Breakup Love Poetry

  आसान है क्या  किसी को छोड़.... किसी और को दिल में सजाना ।। किसी को अपनी सोच से मिटा कर... किसी और को बसाना।। आसान है क्या  किसी का दिल तोड़ कर...   अपनों के लिए किसी  और के साथ जुड़ जाना।।  किसी और की सांसो से निकलकर... किसी और की सांसो में मिल जाना ।। आसान है क्या  किसी और के सपने देख...  हकीकत में किसी और का हो जाना।। किसी और का हाथ छोड़ ..... मंडप में किसी और का  हाथ थाम कर बैठ जाना ।। आसान है क्या  मोहब्बत का धागा उतार कर... किसी और की मोतियों के धागों में बंध जाना।। माथे से किसी के चुंबन को हटाकर...  किसी और के रंग में रंग जाना।। आसान है क्या  आंखों के सामने अपनी चाहत को ना देख...  अपनी शराफत को देखना।। अपनी महबूबा के शादी के दिन..  अकेले दर्द में बैठकर आंसू बहाना।। आसान है क्या  ना चाहते हुए भी उसे....  किसी और के साथ जाते देखना।। हर दिन ये ख्याल आना....  मुझे छोड़‌ वो किसी और की बाहों में होगी  हर दिन किसी और की पनाहों में होगी।। आसान है क्या  बरसों की यादों को... एक पल में मिट...

Best love poetry। Mohabbat likh rahi hu

  दिल की मैं अपनी हसरत लिख रही हूं। तुझ से हुई शिद्दत से वो मोहब्बत लिख रही हूं।।   जिसे मैं कर न सकी कभी लब से बयां। कलम से मैं अपनी वो चाहत लिख रही हूं।।  मिलता है सुकून जो तेरे पास रहकर। स्याही में लपेटकर वो राहत लिख रही हूं।।  साथ रहकर करते रहे जो नजाकत हम तुम । यादों में समेट कर अपनी वो शरारत लिख रही हूं।।  लिखने को तो लिख दूं हर एहसास को मैं। पर तेरी ना छूटने वाली अपनी वो आदत लिख रही हूं।।  रहो तुम जहां कही भी ओ मेरे हमदम। तेरी खुशी के लिए खुदा से  मैं इबादत लिख रही हूं।। ******

एक हरी पती

वो सूखा पेड़ जिसकी पतियाँ सूख कर, चारों तरफ हवाओं मे बिखरी पड़ी थी, लेकिन आज भी उस पेड़ में, कुछ हरी पतियाँ नजर आती थी, घूमते घमते मैं आज भी उस, पेड़ के ही नीचे जा बैठी, अचानक उस पेड़ की एक हरी पती, हौले से मेरी गोद में आ गिरी, उस खूबसूरत पती को उठा कर, अपने बाजू में प्यार से रख दी, और अपनी ही दुनिया में खो गई, फिर एक मीठी सी आवाज, मेरे कानों में बजने लगी, नजरों ने जब खुद को घूमाया, तो ये एहसास हुआ कि, तो वो आवाज उस पती की थी, जो मुझसे बार बार पूछ रही थी, तुम क्यों हर दिन इस पेड़, के ही नीचे आकर बैठती हो, ये चारों तरफ हरे भरे पेड़, तुम्हें छायादार करते है फिर भी तुम, इस सूखे पेड़ के नीचे क्यों..? उसकी मासूम सवालों से जाने क्यों, मेरी आँखो से आँसू छलक गए, और मेरी आँसूओ की एक बूँद, वो खुद में ही समेट ली और, बड़ी मासूमियत से कहा, "लगता है कोई तेरे दिल, के रास्तें से गुजरकर, अपने निशां छोड़ गया है!" फिर एक हवा के झोके से, वो मेरी गोद मे आ गई, और बडे़ प्यार से कहा...ओ रानी, तेरी आँसू की एक बूँद से, मुझपे जो धू...