इतने करीब ना आओ कि खुद को संभाल ना सकूं।
ना चाहते हुए भी तेरी बातों को मैं टाल ना सकूं।।
अपने नजरों से कहो मेरी नजरों से खुद को ना मिलाए।
कि तेरी तस्वीर अपने आंखों से मैं निकाल ना सकूं।।
कहो अपने अल्फाजों से मेरे दिल पर वह दस्तक ना दे।
कि अपने अल्फाजों को ही अपने संभाल ना सकूं।।
मत हो बेकरार तुम मेरी चाहत को पाने के लिए।
क्या पता तेरी चाहत में खुद को मैं ढाल ना सकूं।।
यू ना करो मजबूर हमें अपनी मोहब्बत को जगाने पर।
कि तेरे जाने के बाद दिल में अपने नफरत पाल ना सकूं।।
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