सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कसक तेरी यादों की

                                                    
               कसक तेरी यादों की इस कदर समाई है!
ना चाहते हुए भी तेरी याद बहुत आई है!!

रोकती रही आँखों को पलकों से छलकें ना!
पर छुपा के दर्द ये आँखें बहुत घबराई है!!

धड़कन बढ़ती हैै आज भी तेरे नाम से !
दिल में इस कदर तेरी मोहब्बत छाई है!!

हर रात मेरे अश्क तकिये को चूमते है!
तेरी जुदाई ने मेरी ऐसी हालत बनाई है!!

कर दिया आजाद तुझे अपनों की ही खातिर!
फिर भी तेरी ही मोहब्बत दुनिया को बताई है!!

                                                   

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Ajnabi Se Jaan Hokar...Phir Ajnabi Ho Jana | Breakup Love Poetry

  आसान है क्या  किसी को छोड़.... किसी और को दिल में सजाना ।। किसी को अपनी सोच से मिटा कर... किसी और को बसाना।। आसान है क्या  किसी का दिल तोड़ कर...   अपनों के लिए किसी  और के साथ जुड़ जाना।।  किसी और की सांसो से निकलकर... किसी और की सांसो में मिल जाना ।। आसान है क्या  किसी और के सपने देख...  हकीकत में किसी और का हो जाना।। किसी और का हाथ छोड़ ..... मंडप में किसी और का  हाथ थाम कर बैठ जाना ।। आसान है क्या  मोहब्बत का धागा उतार कर... किसी और की मोतियों के धागों में बंध जाना।। माथे से किसी के चुंबन को हटाकर...  किसी और के रंग में रंग जाना।। आसान है क्या  आंखों के सामने अपनी चाहत को ना देख...  अपनी शराफत को देखना।। अपनी महबूबा के शादी के दिन..  अकेले दर्द में बैठकर आंसू बहाना।। आसान है क्या  ना चाहते हुए भी उसे....  किसी और के साथ जाते देखना।। हर दिन ये ख्याल आना....  मुझे छोड़‌ वो किसी और की बाहों में होगी  हर दिन किसी और की पनाहों में होगी।। आसान है क्या  बरसों की यादों को... एक पल में मिट...

Love Doorie Shayari। door hote gye

तुझे भुलाने की जिद में खुद से दूर होते गए । ना चाहते हुए भी आंसू पीने पर मजबूर होते गए।। तन्हा थे बहुत हम क्योंकि कोई साथ ना था।। तेरे जाने के बाद हाथों में किसी का हाथ ना था।। देख तेरी तस्वीर दिल मेरा जोरों से धड़कता था। कैसे बताऊं याद में तेरी कितना वो तड़पता था।। जानती हूं तूम लौटकर अब कभी आओगे नहीं।  मेरी मोहब्बत भी कभी अब लौटाओगे नहीं ।। हो गए हो तुम किसी और के ये तो बताओगे नहीं। फिर भी यकी है मेरी चाहत कभी तुम भूलाओगे नहीं।। *****

Best love poetry। Mohabbat likh rahi hu

  दिल की मैं अपनी हसरत लिख रही हूं। तुझ से हुई शिद्दत से वो मोहब्बत लिख रही हूं।।   जिसे मैं कर न सकी कभी लब से बयां। कलम से मैं अपनी वो चाहत लिख रही हूं।।  मिलता है सुकून जो तेरे पास रहकर। स्याही में लपेटकर वो राहत लिख रही हूं।।  साथ रहकर करते रहे जो नजाकत हम तुम । यादों में समेट कर अपनी वो शरारत लिख रही हूं।।  लिखने को तो लिख दूं हर एहसास को मैं। पर तेरी ना छूटने वाली अपनी वो आदत लिख रही हूं।।  रहो तुम जहां कही भी ओ मेरे हमदम। तेरी खुशी के लिए खुदा से  मैं इबादत लिख रही हूं।। ******