
समझदारी का मरहम हम लगाते हैं,
तो उस जख़्म को भरने में भी...
वक्त तो लग जाता है!!
चाहते हैं उस दर्द से हमें आँसू न
आये,
लेकिन छुपा के आँसू को मुस्कुराने में....
वक्त तो लग जाता है!!
जख़्म हो न जाये ताजा इसलिए,
कुछ यादों को हम मिटाना चाहते हैं,
फिर भी उन बातों को भूलने में...
वक्त तो लग जाता है!!
हम जानते हैंं हम मानते हैंं,
खुदा की हर बात अच्छी है,
जो होता है अच्छे के लिए,
लेकिन दिल को ये बात समझने में...
वक्त तो लग जाता है!!
- तन्वी सिंह
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